वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:-अजय ने बताया कि गाय के गोबर से बने उत्पादों पर 2013 से कार्य कर रहे हैं। वह आयुर्वेदिक तरीके से गाय के घी से स्किन क्रीम शतधौत बनाते हैं। यह क्रीम कई बीमारियों में लाभदायक है। इससे मुंहासों व सोरायसिस में भी लाभ मिलता है। वहीं, टूथपेस्ट बनाने के लिए गाय के गोबर से बने कंडे को जमीन के नीचे जलाकर एक्टिव चारकोल मिलाते हैं। फिर 21 तरह की जड़ीबूटियों को मिलाकर टूथपेस्ट बनाया जाता है।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में हुनरमंदों के स्टार्टअप छाए हैं। हर कोई इनके उत्पाद और उन्हें बनाने की विधि जानने को उत्सुक दिखा। प्रदर्शनी में गंगा, बेतवा, केन आदि पंडालों में लगाए गए चार सौ से अधिक स्टॉल व स्टार्टअप में कुछ ऐसे भी हैं, जो दिव्यांगों और महिलाओं से उत्पाद बनवाकर उन्हें रोजगार की मुख्य धारा से जोड़ रहे हैं।
कोई आयुर्वेदिक तरीके से गाय के घी से स्किन क्रीम बना रहा है तो कोई कंडे की राख से टूथपेस्ट बनाकर युवाओं के लिए खुद का स्टार्टअप शुरू करने की सीख दे रहा है। सरयू हॉल में रामपुर के सीए अजय अग्रवाल, गीतिका व प्रांजल अग्रवाल का स्टार्टअप ‘गायवाला का स्टॉल’ है। यहां गाय के गोबर से बने उत्पादों की भरमार हैं।
इसमें मूर्तियां, केदारनाथ मंदिर, लक्ष्मीगणेश और पूजा सामग्री प्रमुख है। अजय ने बताया कि गाय के गोबर से बने उत्पादों पर 2013 से कार्य कर रहे हैं। वह आयुर्वेदिक तरीके से गाय के घी से स्किन क्रीम शतधौत बनाते हैं। यह क्रीम कई बीमारियों में लाभदायक है।
इससे मुंहासों व सोरायसिस में भी लाभ मिलता है। वहीं, टूथपेस्ट बनाने के लिए गाय के गोबर से बने कंडे को जमीन के नीचे जलाकर एक्टिव चारकोल मिलाते हैं। फिर 21 तरह की जड़ीबूटियों को मिलाकर टूथपेस्ट बनाया जाता है।
दिव्यांग बना रहे मसाले
स्वयंपूर्णा काशी मसाले के स्टॉल पर अनंत वैश्य ने बताया कि दिव्यांगों द्वारा तैयार किए जा रहे मसाले शुद्ध व किफायती हैं। उनके यहां 70 दिव्यांगों व महिलाओं को रोजगार दिया गया है। दिव्यांग फ्रेंडली एक एजुकेशनल एप भी बनाया गया है। इसमें कक्षा एक से पांच तक एनसीईआरटी आधारित जानकारी है।
लाख से बना अद्भुत श्रीराममंदिर
बनारस के निरंकार यादव ने प्लाईवुड व लाख से बने मंदिरों व अन्य उत्पादों का यूनिलैक इंडस्ट्रीज नाम से स्टार्टअप शुरू किया है। उन्होंने बताया कि प्लाईवुड व लाख की लेजर कटिंग की मदद से मंदिर बनाते हैं। अयोध्या में श्रीराममंदिर जिस तकनीकी से बनाया जा रहा है, उनके यहां बिलकुल वैसे ही बनाए गए मंदिर की कीमत 20 हजार रुपये है।